Helping The others Realize The Advantages Of shayari in hindi

दहलीज हूँ... दरवाजा हूँ... दीवार नहीं हूँ।

एक तो हुस्न कयामत उसपे होठों का लाल होना।

झुकाकर पलकें शायद कोई इकरार किया उसने,

जो सूख जाये दरिया तो फिर प्यास भी न रहे,

कहानियों का सिलसिला बस यूं ही चलता रहा,

मेरी चाहत को दुल्हन तू बना लेना, मगर सुन ले,

क़यामत देखनी हो अगर चले जाना किसी महफ़िल में,

महफ़िल में रह के भी रहे तन्हाइयों में हम,

सौदा करते हैं लोग यहाँ एहसासों के बदले,

बिछड़ quotesorshayari के मुझ से वो दो दिन उदास भी न रहे।

मुझे छोड़ने का फैसला तो वो हर रोज करता है,

सूरज की तरह तेज मुझमें मगर मैं ढलता रहा,

कुछ बदल जाते हैं, कुछ मजबूर हो जाते हैं,

रहा मैं वक़्त के भरोसे और वक़्त बदलता रहा,

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *