ज़ुल्फ़ें भी सुना है कि संवारा नहीं करते,
अंधेरा हर तरफ और मैं दीपक की तरह जलता रहा।
वो लम्हे याद करता हूँ तो लगते हैं अब जहर से।
जब से तुमको देखा है दिल बेकाबू हमारा है,
कहानियों का सिलसिला बस यूं ही चलता रहा,
रास्तों की उलझन में था हमसफर भी छोड़ गए।
कौन फिरता है ज़मीं पे चाँद सा चेहरा लिए।
जो मेरा हो नहीं पाया, वो तेरा हो नहीं सकता।
तेरे इशारों पर मैं नाचूं क्या जादू ये तुम्हारा है,
चेहरा तेरा चाँद का टुकड़ा सारे जहाँ से प्यारा है।
हुजूर लाज़िमी है महफिलों में shayari in hindi बवाल होना,
सूरज की तरह तेज मुझमें मगर मैं ढलता रहा,
कि पता पूछ रहा हूँ मेरे सपने कहाँ मिलेंगे?
नजर तुमसे जो मिल जाये ज़माना भूल जाता हूँ।