कुछ बात तो है इस दिल को बेकरार किया उसने। ~एकांत नेगी
खरीद लाये थे कुछ सवालों का जवाब ढूढ़ने।
झुकाकर पलकें शायद कोई इकरार किया उसने,
मैंने कहा, नहीं दिल में एक बेवफा की तस्वीर बसी है,
अगर मोहब्बत से पेश आते तो न जाने क्या होता।
वो आँखें कितनी क़ातिल हैं वो चेहरा कैसा लगता है।
क़यामत देखनी हो अगर चले जाना किसी महफ़िल में,
खुदा माना, आप न माने, वो लम्हे गए यूँ ठहर से,
ख्यालों और सांसों का हिसाब है ज़िन्दगी,
बिछड़ के मुझ से वो दो दिन उदास भी न रहे।
अब तक सबने बाज़ी हारी इस दिल को रिझाने में,
जर्रे-जर्रे में वो है और कतरे-कतरे में तुम।
कुछ बदल जाते हैं, कुछ मजबूर shayari in hindi हो जाते हैं,
मगर उसका बस नहीं चलता मेरी वफ़ा के सामने।